हिन्दी भाषा का महत्व(importancy of hindi Language)

हिन्दी भाषा(hindi bhasha)हिंदी सप्ताह(hindi sptah)

                 दैनिक जीवन मे भाषा की भूमिका को ध्यान में रखकर हिन्दी को आगे रखें :- भाषा विकास में सबसे पहले  'अक्षर' अर्थात ध्वनियों की अभिव्यक्तियों के लिए 'लिखित प्रतीक' चुने जाते हैं, जिनके संग्रह को  'वर्णमाला'  कहा जाता है, इसके बाद 'उदित प्रत्येक अर्थ' के लिए  'एक शब्द'  चुना जाता है, और इन दोनों के समन्वय को  'शब्दार्थ'  कहा जाता है, शब्दों के सार्थक समूह को  'वाक्य' कहते हैं। हिन्दी भाषा(hindi bhasha)हिंदी सप्ताह(hindi sptah)

               जिनकी संरचना के नियमों को 'व्याकरण'  कहा जाता है,इसके बाद 'उदित भावों' को अभिव्यक्त करने हेतु  'वाक्यों की रचना'   की जाती है, इस प्रकार प्रत्येक भाषा के तीन अंग होते हैं - "वर्णमाला, शब्दार्थ और व्याकरण । "

              'अक्षर, शब्द और वाक्य' अभिव्यक्तियों के केवल प्रतीक होते हैं, मूल अभिव्यक्ति नहीं. इनकी मूल अभिव्यक्तियाँ क्रमशः "ध्वनि,अर्थ और भाव" होते हैं।

हिंदी भाषा का महत्व,importancy of hindi Language madhuri bajpayee माधुरी बाजपेयी

एक क्षण में कैसे भाव से वाक्य तक की दूरी तय करता है मानव

             मानव मस्तिष्क में सबसे पहले कोई  'भाव' उदित होता है,उसे अभिव्यक्त करने हेतु 'अर्थ'  चुने जाते हैं,प्रत्येक अर्थ के लिए  'एक शब्द'  चुना जाता है, प्रत्येक शब्द  'ध्वनियों का सार्थक समूह'  होता है, तथा प्रत्येक ध्वनि की अभिव्यक्ति हेतु  'अक्षर'  को चुना जाता है,इस प्रकार अक्षरों के सार्थक समूह से 'शब्द' बनाते हैं और शब्दों के सार्थक समूह से 'वाक्य'बनते हैं।

भाव की शुद्धतम अभिव्यक्ति होती है हिंदी भाषा से 

                भाषा अभिव्यक्ति का सरल और सुदृढ़ माध्यम है, जिस भाषा को हम अच्छी तरह जानते और समझते हैं, अगर उस में अपने भाव अभिव्यक्त करें तो न केवल दूसरों तक सही बात पहुंचा पाएंगे, वरन अपनी बात रखने में भी आसानी होगी बजाय अन्य किसी भाषा के । 

हिन्दी भाषा मे जानकारी प्राप्ति सरल है-

                इसी तरह अगर हम किसी भी प्रकार की जानकारी या ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं,तो उस के बारे में यदि हमें अपनी भाषा में पुस्तकें,संक्षिप्त लेख और अन्य स्रोत से प्राप्त सामग्री मिले तो हम उस जानकारी को ज्यादा बेहतर ढंग से ग्रहण कर उस का सही उपयोग कर पाएंगे । हिंदी से सरल अन्य भाषा किसी भारतीय के लिए हो ही नहीं सकती, जिसे पूरे भारत देश के अलावा भी अन्य देशों में जहां इसे बोला जाये वहां हर कोई आसानी से समझ लेता है। हिन्दी भाषा(hindi bhasha)हिंदी सप्ताह(hindi sptah)

क्या आवश्यकता है???हिन्दी भाषा की दृष्टी से किसी से छिपने की -

                यह हो सकता है कि आप हिंदी के शिक्षक हों और दूसरा english का, लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि आज english का वर्चस्व होने के कारण आप अपनी भाषा की वजह से लोगों से दूर-दूर रहें,इस से तो आप जानबूझ कर अपनी कमियां दूसरों के सामने उजागर करेंगे।

हिन्दी भाषा से अपनी जानकारी को मजबूत बनाइये (हिन्दी भाषा का महत्व(importancy of hindi Language) )

              आप को चाहिए कि पूरे आत्मविश्वास के साथ आप लोगों के सामने आएं,उन से बात करें । अगर इस दौरान कोई english में बोल कर इम्प्रेशन झाड़े तो आप भागें नहीं । बल्कि अपनी भाषा में ही अपनी जानकारी से उसे ऐसी प्रस्तुत करें - जिससे कि वह दोबारा आप के सामने आये तो कभी भी भाषा की दृष्टि से हिन्दी को नीचा न कहे, और यदि उसके मन मे ऐंसा विचार है कि हिन्दी उपयोग हीन भाषा है, तो आपके पास आने से पहले दस बार जरूर विचार कर ले , लेकिन ऐसा आप तभी कर पाएंगे, जब आप अपने जानकारी को मजबूत बनाएंगे।

जानकारी को शीघ्रता से ग्रहण करने में आसानी

       एक समय की बात है जब मण्डला में श्री रमेश कुमार के घर एक हिंदी और एक english का अखबार आता था, क्योंकि उसे हिंदी का और उस की बहन को english का अखबार पढ़ना पसंद था।

           एक दिन दोनों ही अखबारों में स्टार्टअप क्या है? और कैसे इसे शुरू करें?? इस विषय को ले कर कहानी प्रकाशित हुई। दोनों ने ही उसे अपने अपने ढंग से समझने की कोशिश की, लेकिन जब उन उनके माता जी और पिता जी ने,इस विषय पर शाम को चर्चा करते हुए पूछा तो बहन विषय को समझने में अटकने लगी, जबकि श्री रमेश ने उस के हर बिंदु को अच्छी तरह समझाया, इस के लिए श्री रमेश की खूब प्रशंसा हुई, बहन को भी लगा कि काश उस ने english मोह के बजाय अगर हिंदी में समझा होता तो आसानी से समझ आता। हिन्दी भाषा का महत्व(importancy of hindi Language) 

              इस लिए तो में कहती हूँ कि भाषा भाव का माध्यम है, जो भाषा मे हम घर में,परिवार में उपयोग करें तो उसी भाषा मे प्रस्तूतियां अत्यंत की सुगम और,समय के अपव्यय को भी बचाती है,आइए हिन्दी को आपकी हमारी जिभ्या की भाषा के रूप में शुद्ध रूप से सम्मानित स्थान दें।


श्रीमति माधुरी बाजपेयी

मण्डला, मध्यप्रदेश,भारत

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